डिबेंचरों से ब्याज आय, बैंक सावधि जमा से ब्याज आय की तरह, निवेशक के सीमांत कर दर पर कर योग्य है.
2.
जहां आय में व्यवसाय का लाभ और नफ़ा शामिल अथवा सम्मिलित नहीं है, वहां आये को अधिकतम सीमांत कर दर पर प्रभारित किया जाता है।
3.
तथापि, अधिकतम सीमांत कर दर निम्नलिखित मामलों में लागू नहीं है और आय कर में प्रभार्य होगी, क्योंकि वह व्यक्तियों के संघ (एओपी) की आय थी:-
4.
तथापि, अधिकतम सीमांत कर दर निम् नलिखित मामलों में लागू नहीं है और आय कर में प्रभार्य होगी, क् योंकि वह व् यक्तियों के संघ (एओपी) की आय थी:-
5.
जहां आय में व्यवसाय का लाभ व नफ़ा सम्मिलित अथवा शामिल है, वहां उन मामलों से छोड़कर, जहां न्यास की उन पर निर्भर किसी संबंधी के एकमात्र लाभ के लिए घोषणा की गई है और न्यास उनके द्वारा इस प्रकार घोषित एकमात्र न्यास भी है, न्यास की सम्पूर्ण आय को अधिनियम सीमांत कर दर पर प्रभारित किया जाता है।